The unique cure of the disease "love"
जर्मनी के डुसलडर्फ नगर में बच्चों के एक चिकित्सक रहा करते थे। उनका नाम था----डॉक्टर टालबोट। उनकी ख्याति दूर-दूर तक थी। उनके यहाँ जब भी कोई असाध्य रोग का इलाज कराने आता ओर उस बच्चें पर कोई दवा काम न करती प्रतीत होती तो वे एक पर्ची पर कुछ लिखकर अपने अस्पताल की सबसे पुरानी नर्स को दे देते। नर्स उस पर लिखे निर्देश का पालन करती ओर आश्चर्यजनक रूप से वह बच्चा स्वस्थ हो जाता था। अस्पताल के अन्य चिकित्सक के मन में उस गुप्त दवा को जानने की बड़ी उत्सुकता थी। एक दिन जब उन्होंने नर्स को डॉक्टर टालबोट की लिखी पर्ची ले जाते देखा तो उन्होंने उसके हाथ से वह पर्ची ले ली। उन्हें यह पढ़कर बड़ा आश्चर्य हुआ की उस कागज पर डॉक्टर टालबोट ने मात्र दो शब्द लिखे थे और वे थे---दादी माँ। ' यह पढ़कर चिकित्सकों की उत्सुकता और बढ़ गई। नर्स उनकी उत्सुकता समझ गई और उन्हें एक कमरे में ले गई, जहाँ एक बूढ़ी महिला बैठी हुई थी। जिस बच्चें के लिए डॉक्टर टालबोट ने पर्ची लिखी थी, वह बूढ़ी महिला उस बच्चें को अपनी गोद में प्यार से चिपकाकर बैठी थी। नर्स उन चिकित्सकों को यह दृश्य दिखाकर बोली "जब किसी बच्चें पर कोई दवा